क्यों वक़्त ने ऐसा वक़्त है दिखाया,
कैसे जिए अकेले , अब तेरा ये साया,
हासिल थी हर खुशी , जिंदगी में मेरे,
खुश किस्मती से जबसे तुमको था पाया ।
कैसे जिए अकेले , अब तेरा ये साया,
हासिल थी हर खुशी , जिंदगी में मेरे,
खुश किस्मती से जबसे तुमको था पाया ।
हो आज नही तुम पास मगर,
लगता है अभी आ गये अगर,
खिल खिल दिल ये नाचेगा,
आसान लगेगी फिर ये डगर ।
दिल तोह अब भी तेरी मुहब्बत ही सींचे,
तू है कुछ कदम आगे, और मैं कुछ पीछे,
ढूँढ ही लूंगी तुझे एक दिन , ये वादा है मेरा,
है तो हम दोनों आख़िर , उसी , एक चाँद के नीचे।
Hi Rashi,
ReplyDeleteToo good, you rock....
These two lines are mindblowing
ढूँढ ही लूंगी तुझे एक दिन , ये वादा है मेरा,
है तो हम दोनों आख़िर , उसी , एक चाँद के नीचे।
You have so many blogs I was confused where to reply your comments.
Thanks for visiting my blog.
I also write in english
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Also one more thing I liked your photography blog.
Love and Peace,
Abhijeet
राशी,
ReplyDeleteबहुतही बढीय़ा!आखरी दो पंक्तिया लाजवाब!
You write really well.
ReplyDeleteI liked the Hindi poems better than the English ones. But that is just me.
Actually I did not realize you were a girl, till I reached the last two lines :-O
But that is not the only reason I liked the last two lines. They are beautiful.