
क्यों वक़्त ने ऐसा वक़्त है दिखाया,
कैसे जिए अकेले , अब तेरा ये साया,
हासिल थी हर खुशी , जिंदगी में मेरे,
खुश किस्मती से जबसे तुमको था पाया ।
कैसे जिए अकेले , अब तेरा ये साया,
हासिल थी हर खुशी , जिंदगी में मेरे,
खुश किस्मती से जबसे तुमको था पाया ।
हो आज नही तुम पास मगर,
लगता है अभी आ गये अगर,
खिल खिल दिल ये नाचेगा,
आसान लगेगी फिर ये डगर ।
दिल तोह अब भी तेरी मुहब्बत ही सींचे,
तू है कुछ कदम आगे, और मैं कुछ पीछे,
ढूँढ ही लूंगी तुझे एक दिन , ये वादा है मेरा,
है तो हम दोनों आख़िर , उसी , एक चाँद के नीचे।