Search This Blog

Showing posts with label दान से पुण्य के नाम पर. Show all posts
Showing posts with label दान से पुण्य के नाम पर. Show all posts

Tuesday, December 30, 2008

दान से पुण्य के नाम पर



भगवान का नाम रटता जा ,
पाप पे पाप तू करता जा ,
मन्दिर की घंटी बजादे बस
फिर चैन से रात भर सोता जा ।

क्या हम अन्दर से चोर नही
भगवान् को धोखा देते है
दान से पुण्य के नाम पर
पापों को धोया करते है ।
बुजुर्ग
है क्या , उसकी इज्ज़त क्या
अरमान का कत्ल तो रोज़ करते है
चंद कागज़ के तुकरे ये क्या
इन्ही पे जिंदा रहते है ।
अफ़सोस नही दुःख दर्द है क्या
बिन बात पे रोया करते है
समझ नही जीवन है क्या
पर मरने से हम डरते है ।
गरीब है क्या उसकी भूख है क्या
इन सब से अनजान हम बनते है
रूह तो कबकी मार दी मगर
इंसान भी अधूरे लगते है ।
दान से पुण्य के नाम पर
पापों को धोया करते है ।